हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री की चुनाव याचिका पर लिया संज्ञान, भाजपा नेता सहित नौ लोगो को नोटिस जारी

हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री की चुनाव याचिका पर लिया संज्ञान, भाजपा नेता सहित नौ लोगो को नोटिस जारी
 शिमला
हिमाचल हाईकोर्ट

मंडी जिले के बल्ह विधानसभा क्षेत्र से विजयी रहे भाजपा नेता इंद्र सिंह के चुनाव को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। अदालत ने भाजपा नेता सहित नौ प्रतिवादियों को 27 फरवरी के लिए नोटिस जारी किए हैं। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी की चुनाव याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए। याचिकाकर्ता कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी ने भाजपा प्रत्याशी इंद्र सिंह, बहुजन समाज पार्टी के प्रेम कुमार, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी के जीवन कुमार और आम आदमी पार्टी के तारा चंद को प्रतिवादी बनाया है। इसके अलावा संजय कुमार, पार्वती, चुनाव आयोग सहित चुनाव अधिकारी और चुनाव पर्यवेक्षक से अदालत ने जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव याचिका दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि पोस्टल बैलेट की मतगणना के दौरान अनियमितताएं बरती गईं।

चुनाव अधिकारी और चुनाव पर्यवेक्षक पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। दलील दी गई कि नियम 54 ए के तहत पोस्टल बैलेट की मतगणना ईवीएम की गिनती से 30 मिनट पहले की जानी होती है। याचिकाकर्ता के मामले में ईवीएम की गिनती पहले की गई। चुनाव परिणाम के अनुसार इंद्र सिंह सिर्फ 1307 मतों से विजयी रहे। याचिकाकर्ता को 30485 और भाजपा प्रत्याशी को 31792 मत प्राप्त हुए। 2725 पोस्टल बैलेट में से 307 अवैध करार दिए गए और  32 मतों को  खारिज कर दिया गया। याचिकाकर्ता के चुनाव एजेंट ने पोस्टल बैलेट और मशीनों के मतों को दोबारा गिनने के लिए आवेदन किया। आरोप लगाया गया है कि उसके आवेदन को चुनाव अधिकारी और चुनाव पर्यवेक्षक ने बिना किसी ठोस कारण के रद्द कर दिया।  याचिकाकर्ता ने अदालत ने गुहार लगाई है कि बल्ह विधानसभा क्षेत्र के चुनाव को निरस्त किया जाए।  चुनाव अधिकारी और चुनाव पर्यवेक्षक को आदेश दिए जाए कि इस क्षेत्र से याचिकाकर्ता को विजयी घोषित किया जाए।

निजी बस के परिचालक से मारपीट के आरोपी बरी 
शिमला के पुराना बस स्टैंड में निजी बस के परिचालक से कथित मारपीट के आरोपियों को जिला अदालत ने बरी किया है। न्यायिक दंडाधिकारी शिमला ने पुलिस के अभियोग को खारिज कर दिया। अभियोजन पक्ष ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक और परिचालक के खिलाफ अभियोग दायर किया था। निजी बस के परिचालक ने 29 मार्च 2018 को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज की थी। आरोप लगाया गया था कि बस की समयसारिणी को लेकर सुभाष चंद और यशपाल शर्मा ने उसके साथ मारपीट की। पुलिस ने मामले की जांच पूरी होने पर न्यायिक दंडाधिकारी शिमला की अदालत में अभियोग चलाया। अभियोग साबित करने के लिए पुलिस ने 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। मामले से जुड़े रिकॉर्ड और गवाहों के बयानों का अवलोकन पर अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों के बयान विरोधाभासी हैं। एक गवाह ने अदालत में बयान दिया कि उसने पुलिस थाना सदर में अपना बयान दर्ज करवाया जबकि पुलिस ने बयान दिया कि उसका बयान मौके पर दर्ज किया गया था। इसी तरह घटना के समय को भी विरोधाभासी बयानों से अदालत को बताया गया। अदालत ने अभियोग को खारिज करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है।

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